पीएम नरेंद्र मोदी ने 13 जनवरी, गुरुवारन की शाम को सभी मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों समेत केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। यह मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गयी तथा इस मीटिंग में COVID-19 से निपटने की तैयारियों और वैक्सीनेशन प्रोग्राम की चर्चा की गई।
इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा “पिछले वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है. यह अधिक ट्रांसमिसिबल है. हमारे स्वास्थ्य विशेषज्ञ स्थिति का आकलन कर रहे हैं. यह स्पष्ट है कि हमें सतर्क रहना है, लेकिन घबराहट से बचना भी सुनिश्चित करना है।
कोरोना को लेकरप्रधानमंत्री द्वारा कही गयी कुछ बड़ी बातें:-
इस कोरोना की घड़ी में कड़ी मेहनत ही हमारा एकमात्र रास्ता है और जीत ही हमारा एकमात्र विकल्प है।
केंद्र सरकार के द्वारा राज्यों को आवंटित 23,000 करोड़ रुपये के पैकेज का अच्छी तरह से उपयोग किया गया है, कई राज्यों ने अपने स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया है। इससे पहले आई कोरोना की लहरों में जिस तरह से केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने प्री- इम्पटिव, प्रो-एक्टिव और कलेक्टिव अप्रोच दृष्टिकोण अपनाया था, वही मंत्र इस बार भी जीत का मंत्र है।
भारत में लगभग 92 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोरोना का पहला डोज़ दिया जा चुका है। साथ ही दूसरी डोज का कवरेज भी लगभग 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है.”
अर्थव्यवस्था की गति को बनाए रखा जाना चाहिए, इसलिए बेहतर होगा कि लोकल कंटेनमेंट पर ज्यादा ध्यान दिया जाए।
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बाद भी, महामारी से निपटने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र सबसे शक्तिशाली तरीका है। कोरोना को हराने के लिए हमें अपनी तैयारी को पूरी तरह से आगे रखने की जरूरत है। नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने के साथ-साथ हमें भविष्य के किसी भी वैरिएंट के लिए अभी से तैयारी शुरू कर देने की जरूरत है।
सूत्रों के मुताबिक ओमिक्रॉन के संक्रामण को रोकने के लिए पूरे देश के हर हिस्सों में नए सिरे से प्रतिबंध लगाए गए हैं। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमित मामले 2 लाख के भी पार हो चुके हैं और 300 जिलों में संक्रमण दर 5 फीसदी से ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में भारत में 12 लाख से भी ज्यादा कोरोना के एक्टिव केस सामने आ चुके है।