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कोरोना के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने पत्र लिखकर राज्यों को दिया जाँच बढ़ाने का आदेश

नई दिल्ली: कोरोना का खतरा अभी तक टला नहीं है। ऐसे में हमे सतर्क रहने की आवश्यकता है। हालांकि कल आई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या पहले से कम होती दिखाई दे रही है। ऐसे में  केंद्र सरकार ने सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिख तत्काल कोरोना वाइरस (Corona Virus) की जांचों के आँकड़े को बढ़ाने को कहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Central Health Ministry) ने एक चिट्ठी जारी कर बताया है कि राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश कोरोना संक्रामण कि टेस्टिंग(Testing of Corona Virus) को कोरोना के हॉटस्पॉट तथा बंद घनी आबादी वाले इलाकों में तत्काल रणनीतिक तरीके से बढ़ा दें।
आपको बता दें कि, भारत में कोरोना (Corona) का ग्राफ अब थोड़ा नीचे आता दिख रहा है। पिछले 24 घंटे में भारत में 2.38 लाख नए कोरोना संक्रमित केस सामने आए है जो कि रविवार को आए केसेस के मुकाबले 7.8% कम है। कोरोना के सकारात्मक्ता दर (Positivity rate) में भी थोड़ी कमी आई है। सोमवार को सकारात्मक्ता दर 13.11% रहा जो रविवार को 14.78% था।
दिल्ली तथा मुंबई में भी निरंतर कोरोना संक्रमित मरीजों कि संख्या घटती दिख रही हैं। ये दोनों राज्य कोरोना के हॉटस्पॉट थे, जहाँ कोरोना के मामले रफ़्तार से बढ़ रहे थे। हालांकि अब दोनों राज्यों में कुछ दिनों से कोरोना के मामले कम हो रहे हैं।
आपको बता दें कि कोरोना के टेस्ट में कमी आने का एक कारण Indian Council of Medical Research (ICMR) के नए दिशा-निर्देशों को भी माना जा रहा है। कोरोना टेस्टिंग (Corona Testing) पर आईसीएमआर के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, पॉजिटिव के कांटेक्ट में आए लोगों को भी कोरोना का टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक ICMR के नए दिशा-निर्देशो का मानना है कि कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज के कांटेक्ट में आए केवल उन्हीं लोगों का टेस्ट कराने की जरूरत है जिनकी आयु लगभग 60 साल से ऊपर है तथा जिन्हें कोई गंभीर बीमारी है। सरकार ने बुजुर्गों तथा गंभीर रोगों से जूझ रहे मरीजों को हाई रिस्क कैटेगरी (high risk category) में रखा है।

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