नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम के महान व्यक्तित्व के प्रति भारत के “ऋण” के प्रतीक के रूप में इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक विशाल प्रतिमा(Netaji Subhash Chandra Bose Statue) लगाने की योजना बनाई है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार 21 जनवरी 2022 को नेताजी की 125वीं जयंती से पहले ही इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि, नेताजी की भव्य प्रतिमा ग्रेनाइट से बनेगी और इसके पूरा होने तक नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा वहाँ रखी जाएगी। आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेताजी के जन्मदिन 23 जनवरी को होलोग्राफिक प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा।
नेताजी की बेटी अनीता बोस-फाफ जो जर्मनी में रहतीं है, उन्होनें केंद्र सरकार की कार्रवाई को “अद्भुत इशारा” बताया।। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह उनके प्रति भारत के कर्ज का प्रतीक होगा। ऐसे समय में जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि उनकी ग्रेनाइट की बड़ी प्रतिमा इंडिया गेट पर लगाई जाएगी।”
सूत्रों के अनुसार, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति (Netaji Subhash Chandra Bose Statue)ग्रेनाइट की मूर्ति 28 फीट लंबी और छह फीट चौड़ी होगी। इसकी स्थापना भारत के इतिहास को “पुनः प्राप्त” करने का एक उदाहरण माना जा रहा है। बता दें, नेताजी की प्रतिमा को एक छत्र के नीचे रखा जाएगा, जिसमें पहले किंग जॉर्ज पंचम की एक प्रतिमा थी, जिसे 1968 में बंद कर दिया गया था।
यह घोषणा केंद्र सरकार द्वारा उसी दिन आई थी जिस दिन इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर लगी लौ को बुझाने और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर इसे शाश्वत लौ से जोड़ने के लिए विपक्ष के द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना की जा रही थी।
हालांकि, इस कदम का बचाव करते हुए अधिकारियों ने दावा किया कि अमर ज्योति के प्रकाश को बुझाया नहीं जा रहा था, बल्कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में एक के साथ जोड़ा गया था।