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प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक : SC की उच्चस्तरीय समिति करेगी तफ्तीश

नई दिल्ली: पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई लापरवाही को लेकर हाई लेवल जांच की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में सुरक्षा की कमियों की जाँच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन करेगा। कोर्ट ने यह कहा कि इस मामले में जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और पंजाब सरकार दोनों को अपने-अपने जांच पर रोक लगाने का आदेश दिया है और कोर्ट ने केंद्र सरकार की कार्रवाई पर सवाल भी उठाए हैं।

 CJI एम वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सुनवाई के दौरान केंद्र से यह पूछा कि “यदि केंद्र सरकार पहले से  नोटिस में सब कुछ मान रहे हैं तो कोर्ट में आने का क्या मतलब है? इसका कारण बताओ, यह नोटिस पूरी तरह से विरोधाभासी है। कोर्ट ने  केंद्र  से कहा की  समिति गठित करके आप पूछताछ करना चाहते हैं कि क्या SPG अधिनियम का उल्लंघन हुआ है? आप राज्य के मुख्य सचिव और डीजी को दोषी मानते हैं। किसने उन्हें दोषी ठहराया? उन्हें किसने सुना?” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, आपने हमारे आदेश से पहले ही नोटिस जारी किया। हमने अपना आदेश बाद में पारित किया।आप पंजाब सरकार से 24 घंटे के अंदर जवाब देने के लिए कह रहे हैं, क्या यह आपसे अपेक्षित नहीं है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि  आप तो अपना पूरा मन बना कर आए हैं और तो आपकी दलीलें यह साबित करती हैं कि आपने अपना निर्णय पहले ही तय कर लिया है तो आप इस मामले को लेकर यहाँ इस कोर्ट में क्यों आए हैं?  जब हमने सबको मना किया था कि कोई भी किसी भी तरह का एक्शन  नहीं लेगा तो आप SSP को दोषी बता रहे हैं। ये सब क्या है?  हो सकता है जाँच के बाद आपकी बातें और दलीलें सही हों, लेकिन अभी से ही आप कुछ भी कैसे कह सकते हैं? जब आप अपने इच्छानुसार अनुशासनात्मक और दंडात्मक दोनों ही कार्रवाई शुरू कर चुके हैं तो अब केंद्र हमसे कौन सा आदेश चाहती है?

दूसरी ओर,  पंजाब सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार ने उन्हें निष्पक्ष सुनवाई करने का मौका ही नहीं दिया। साथ ही कहा कि अगर अफसर दोषी निकलते हैं तो उन्हें टांग दिया जाएगा। पंजाब सरकार के वकील डी एस पटवालिया ने  कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट चाहे तो इस मामले में अलग से जांच कमेटी का गठन कर दे। हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गयी कमेटी में सहयोग करेंगे लेकिन हमारी सरकार और हमारे अधिकारियों पर अभी किसी भी प्रकार का कोई भी आरोप ना लगाया जाए। पंजाब सरकार का कहना है की हमें केंद्र ने सुनवाई का मौका नहीं दिया। हमें केंद्र सरकार की समिति से न्याय नहीं मिल सकता केंद्र द्वारा निष्पक्ष सुनवाई की उम्मीद नहीं की जा सकती है। पटवालिया ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से यह निवेदन किया की कोर्ट  एक स्वतंत्र समिति नियुक्त करें, और हमें निष्पक्ष सुनवाई का मौका दें।

अब सुप्रीम कोर्ट ने दोनों सरकारों की जाँच को रोकते हुए सुप्रीम कोर्ट के  द्वारा ही एक उच्च स्तरीय कमेटी बना कर जाँच का आदेश दिया है।

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