कोरोना संक्रमण के मामलों ने भारत में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए व्यापक बढ़त हासिल कर रहा है। बीते दिन भारत में कोरोना संक्रमण के 1.94 लाख नए मरीज मामले सामने आए हैं। हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण मामलों के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर एक चौंकाने वाली बात कही है कि देश में हर रोज़ आ रहे कुल कोरोना मरीजों में कम से कम 90 से 95 फीसदी लोग ओमिक्रोन से भी संक्रमित है पर हमारे देश भारत में ओमिक्रोन कि टेस्टिंग और ओमिक्रोन संक्रमण का अन्य संक्रमणों से कम तीव्र होने के चलते यह आसानी से पकड़ में भी नहीं आ सकता है। बता दें कि बीते दिन देश में कुल 407 नए मामले ओमिक्रोन से संक्रमित मरीज सामने आए हैं।
विशेषज्ञों की माने तो उनका कहना है कि देश में प्रतिदिन आ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों में अधिकतम मामले ओमिक्रोन संक्रमित होने की पूरी संभावना है। इसका कारण देश में ओमिक्रोन संक्रमण की पुष्टि हेतु उचित मात्रा में जीनोम अनुक्रमण हेतु लैबों का ना होना है। सूत्रों की माने तो 125 करोड़ से अधिक आबादी वाले भारत देश में मात्र 40 ऐसी लैब मौजूद हैं जहां जीनोम अनुक्रमण कर ओमिक्रोन कि जांच की जाती है। देश में हर कोरोना संक्रमित व्यक्ति के सैंपल को जीनोम अनुक्रमण के लिए नहीं भेजा जाता है, क्योंकि जीनोम अनुक्रमण की रिपोर्ट आने में करीब 10 दिन का समय लग जाता हैं तथा तब तक कोरोना संक्रमण निष्क्रिय हो जाता है। हमारे देश में ऐसे कई राज्य भी हैं जहां जीनोम अनुक्रमण को समर्थन करने वाली एक लैब भी मौजूद नहीं है। इसके अनुसार अन्य राज्यों से जीनोम अनुक्रमण की जांच कराने के पश्चात अंतिम रिपोर्ट आने में तकरीबन 10 दिन का समय लग जाता हैं।
कोरोना परीक्षण की मात्रा बढ़ने के साथ ही एंटीजन रैपिड टेस्ट पर भी ज्यादा से ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। सूत्रों की माने तो एंटीजन रैपिड टेस्ट में हल्का संक्रमण पकड़ में नहीं आ सकता है। सरकार का यह कहना है कि संक्रमण परीक्षण की मात्रा बढ़ने की वजह से सभी लोगों का RTPCR टेस्ट कराना मुमकिन नहीं है।