आयोध्य:- उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने मंथन शुरू कर दिया है। ऐसे में खबर यह भी आ रही है की भारतीय जनता पार्टी अयोध्या से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टिकट दे सकती है। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने का फैसला क्यों लिया गया हैं?
बीजेपी के लिए अयोध्या हिंदुत्व के रूप में काफी सफल रही है।भाजपा ने अयोध्या को सदैव हिन्दुत्व के प्रयोगशाला के रूप में चुना है और श्री रामजन्मभूमि के मुद्दे को अपने एजेंडे का केंद्र बिंदु बनाया है। भाजपा ने हिंदुत्व की ऐसी मजबूत व्यूह तैयार की है, जिसके बदौलत भाजपा ने सबसे मजबूत राजनीतिक पार्टी का टैग भी हासिल कर लिया है।
सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अचानक अयोध्या से 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लीया परंतु इसके लिए बीजेपी ने बहुत समय पहले से ही चक्रव्युह तैयार कर रही थी। बिना चर्चा में आए योगी आदित्यनाथ के यूपी का मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद योगी का श्री राम जन्मभूमि में दर्शन करने आना, राम की पैड़ी में विकास कार्य कराना और ना जाने कितनी बार अयोध्या की भव्यता तथा व्यापकता को बढ़ाना।
बता दें की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने अपने कार्यकाल के दौरान करीब 42 बार अयोध्या आए और प्रदेशभर की कई घोषणाएँ लखनऊ से ना करके अयोध्या से कीं । वे चुनाव आचार संहिता लगने से पूर्व भी केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ अयोध्या आकार विकास की कई योजनाओं का शिलान्यास किया। विधानसभा चुनाव की घोषणा के ठीक पहले मुख्यमंत्री का अयोध्या आकर छात्र और छात्राओं को टेबलेट और मोबाइल का वितरण करना, ये सब यूं ही नहीं किया गया है,इन सब के पीछे पूरी-पूरी चुनावी योजना तैयार की जा रही थी। इसके बाद कई ऐसे संकेत दिखाई दिए, जिसने योगी के अयोध्या से चुनाव लड़ने के संकेत दिये है। साथ ही साथ योगी आदित्यनाथ द्वारा कहीं गयी 80 बनाम 20 वाली बात भी कहीं न कहीं अयोध्या से ही साबित हो सकती है।