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केंद्र सरकार द्वारा बुझाई जा रही दिल्ली में स्थित अमर जवान ज्योति, राहुल गांधी ने किया खुलकर विरोध

नई दिल्ली:  आज देश की राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति(Amar Jawan Jyoti)  का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जल रही लौ में विलय किया जाएगा। बता दें, अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय जवानों की याद में की गई थी, जो 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे।इस युद्ध में हमारे देश भारत की जीत हुई थी तथा बांग्लादेश का गठन भी हुआ था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के इस निर्णय की निंदा करते हुए उसका विरोध किया है। राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि “कुछ लोग देशप्रेम तथा उनके बलिदानों को नहीं समझ सकते है।”
राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्र सरकार ने ट्वीट के जरिये राहुल गांधी को उत्तर दिया। बता दें, भारत सरकार ने इस केस में कई ट्वीट किए हैं।
भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि, “अमर जवान ज्योति की लौ बुझाई नहीं रही है। इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के ज्वाला में मिला दिया जाएगा। ये अजीब बात थी कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 तथा अन्य युद्धों में जान गँवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी, मगर उनका कोई भी नाम वहां उपस्थित नहीं है।”
आपको बता दें की, केंद्र सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज़ कसते हुए कहा कि,“यह विडंबना ही है कि जिन व्यक्तियों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हंगामा कर रहे हैं। अब युद्धों में जान गंवाने वाले हमारे भारतीय सैनिकों को स्थायी एवं उचित श्रद्धांजलि दी जा रही है।”
भारत सरकार ने एक अन्‍य ट्वीट में लिखा कि, “1971 एवं उसके पहले और बाद के युद्धों समेत सभी युद्धों में सभी जान गँवाने वाले हमारे भारतीय सैनिकों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में रखे गए हैं, इसलिए वहाँ पर युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों को देने वाली ज्योति का होना ही भारतीय जवानों के लिए सच्ची ‘श्रद्धांजलि’ है।”

अमर जवान ज्योति(Amar Jawan Jyoti)

Amar Jawan Jyoti

  • अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) 1971 के भारत-पाकिस्तानी अमर युद्ध के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के शहीद और अज्ञात सैनिकों की याद में बनाया गया एक भारतीय स्मारक है, जो युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे।
  • यदि बात इसकी संरचना की करें तो अमर जवान ज्योति में एक संगमरमर की चौकी है, जिस पर एक कब्र है।
  • स्मारक के चारों ओर “अमर जवान” सोने में लिखा गया है साथ ही शीर्ष पर, एक एल 1 ए 1 सेल्फ-लोडिंग राइफल अपने बैरल पर अज्ञात सैनिक के हेलमेट के साथ खड़ी है।
  • आसन चार कलशों से बंधा हुआ है, जिनमें से एक में लगातार जलती हुई लौ है।
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