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आज रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया ‘कवच सुरक्षा तकनीक’ का सफल परीक्षण

नई दिल्ली: आज रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव(Ashivini Vaishnav) ने कवच सुरक्षा तकनीक का सफल परीक्षण किया। इस ऑटोमैटिक तकनीक के जरिए अब दो ट्रेनों के बीच आमने-सामने से टक्कर नहीं होगी। आपको बता दें, कि इस तकनीक को अपने ही देश में बनाकर तैयार किया गया है। साल 2022 के केंद्रीय बजट में आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के तहत लाने की योजना के बारे में ऐलान किया गया था।

आज कवच की टेस्टिंग के लिए स्वयं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सिकंदराबाद पहुँचे थे। इस टेस्टिंग के दौरान दो ट्रेनों को पूरी रफ्तार के साथ विपरीत दिशा से एक दूसरे की तरफ बढ़ाया गया। रेल मंत्री ने खुद परीक्षण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि अश्विनी वैष्णव सामने ट्रेन में बैठे हैं और दूसरी तरफ से एक और ट्रेन तेजी से आ रही है। दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन मौजूद थे। लेकिन ट्रेन 380 मीटर दूर दोनों ट्रेने अपने आप ही रुक गई।


सूत्रों के मुताबिक, इस डिजिटल सिस्टम के कारण मानवी त्रुटियों जैसे कि, रेड सिग्नल को नजरअंदाज करने या किसी अन्य खराबी पर ट्रेन अपने आप ही रुक जायेगी. अधिकारियों ने कहा कि कवच के लगने पर संचालन खर्च 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर आएगा, जबकि वैश्विक स्तर पर इस तरह की डिजिटल सुरक्षा प्रणाली का खर्च प्रति किलोमीटर करीब दो करोड़ रुपये का है।


आपको बता दें, ‘कवच’ सिस्टम में उच्च आवृत्ति के रेडियो संचार का प्रयोग किया जाता है। अधिकारियों के मुताबिक कवच एसआईएल -4 के अनुसार है जो किसी भी सुरक्षा प्रणाली का उच्चतम स्तर है। इसके अंतर्गत पाँच किलोमीटर की सीमा के भीतर की सभी ट्रेन बगल की पटरियों पर खड़ी ट्रेन की सुरक्षा के मद्देनजर रुक जायेंगी। कवच सिस्टम को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति के लिए तैयार किया गया है।

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