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अखिलेश से बगावत के बाद बसपा क़ी तरफ देख रहे ओपी राजभर को लगा झटका, मायवती के भतीजे ने बताया स्वार्थी और अवसरवादी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीती का एक नया केंद्र बिंदु बन चुके सुभासपा चीफ ओ पी राजभर के तगड़ा झटका देते हुए बसपा ने उन्हें अवसरवादी व स्वार्थी बताया है। बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनद ने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा कि कुछ लोग बसपा मुखिया मायावती के नाम पर अपनी दुकान चलाना चाहते हैं और ऐसे स्वार्थी लोगों से सावधान रहना चाहिए।

बसपा द्वारा स्वार्थी और अवसरवादी बताये जाने के बाद अब सुभासपा के भी बयान बदल गए है। कल तक मायावती के साथ जाने वाली ओ पी राजभर की पार्टी सुभासपा अब ये कहने लगी है कि उसने कभी बसपा से कोई संपर्क किया है और ना ही गठबंधन के बारे में कोई बातचीत हुई है। ओपी राजभर के बेटे और सुभासपा नेता अरुण राजभर ने मंगलवार को उक्त बातें कही।

अरुण राजभर ने आनंद के बयान के बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा कि उनका जो कहना है, वह उनकी अपनी राय है। हमने सिर्फ अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बात की है। हम ना तो बसपा के पास गए हैं और ना ही उसके नेतृत्व से कोई बात की है। उन्होंने कहा कि सियासत में सब कुछ अनिश्चित है और राजनीतिक समीकरण बदलते रहते हैं तथा उन्हीं के मुताबिक फैसला लिया जाता है।

बता दें, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ मिलकर लड़ी सुभासपा के सपा से रिश्ते खराब होने के बाद राजभर ने रविवार को जौनपुर में कहा था कि उनका व्यक्तिगत रुप से मानना है कि अब बसपा की तरफ हाथ बढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय पार्टी नेताओं से विचार-विमर्श करके ही लिया जाएगा।

सुभासपा की भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर अरुण राजभर ने कहा कि कुछ समय दीजिए। इस विषय में हम अभी कुछ नहीं कह सकते। हम अभी पार्टी के बस्ती मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। दो-तीन दिन बाद हम अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे। अगर हम अभी अपनी रणनीति बता देंगे तो यह नाकाम हो जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सुभासपा एक बार फिर भाजपा से हाथ मिलाएगी, राजभर ने कहा कि इस समय इस बारे में कुछ भी कहना सही नहीं होगा।

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