लखनऊ में ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने की कार्यकर्ताओं से निगरानी बढ़ाने की अपील

लखनऊ: सामाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सपा गठबंधन के सभी प्रत्याशियों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से यह अपील की है कि वो सभी ईवीएम स्ट्रांग रूम की निगरानी को पहले से बढ़ा दें जिसके कारण कोई गड़बड़ी न होने पाए।
आपको बता दें, अखिलेश यादव ने सपा के कार्यकर्ताओं से यह अपील इसलिए की है, क्योंकि कल यानि सोमवार को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में बने मतगणना स्थल पर रिटर्निंग अफसर गोविंद मौर्य(Govind Maurya) पर ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगा है।
दरअसल, सोमवार को रमाबाई अंबेडकर मैदान में बने स्ट्रांग रूम परिसर में उस वक्त हंगामा मच गया जब मध्य विधानसभा सीट के रिटर्निंग अफसर गोविंद मौर्या(Govind Maurya) की सरकारी गाड़ी में हथौड़ी, छेनी, ताले, प्लायर निकल आए। इसके बाद समाजवादी पार्टी व अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं एवं प्रत्याशियों ने गोविंद मौर्य पर ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए दो घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया।
सूत्रों के मुताबिक, घटना की सूचना प्राप्त होते ही मध्य सीट से सपा प्रत्याशी रविदास मेहरोत्रा भी वहाँ पहुँच गए। डीएम व जिला निर्वाचन अधिकारी अभिषेक प्रकाश(Abhishek Prakash) ने बताया कि कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। संबंधित अधिकारी को चेतावनी देने के साथ स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। अधिकारी द्वारा यह भी बताया कि, सभी प्रत्याशियों को स्ट्रांग रूम परिसर का निरीक्षण भी करा दिया गया है। सभी अंदर की सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट हैं।
इस घटना के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) ने ट्वीट किया और कहा कि “लखनऊ में सभी के लिए प्रतिबंधित ईवीएम स्ट्रांग रूम में एक सरकारी अधिकारी के घुसने का प्रयास बेहद गंभीर मामला है। सपा-गठबंधन के सभी प्रत्याशियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अपील है कि वो सभी जगह ईवीएम स्ट्रांग रूम की निगरानी बढ़ा दें। जब तक गिनवाई नहीं-तब तक ढिलाई नहीं!”
लखनऊ में घटित इस घटना पर एसीएम गोविंद मौर्या ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि “औजार सीट के नीचे रखे हुए थे। छेनी, हथौड़ी ड्राइवर अपने इस्तेमाल के लिए ही रखते हैं।” गोविंद मौर्य ने आगे कहा कि“जिस वोटर लिस्ट के गाड़ी में होने का आरोप कार्यकर्ता लगा रहे हैं, वह कमिश्नरेट का प्लान है जिसमें सेक्टर मजिस्ट्रेट आदि के नाम-नंबर लिखे होते हैं। मैंने कार्यकर्ताओं से खुद कहा कि गाड़ी की जाँच कर लीजिए। मैंने स्वयं ही कार्यकर्ताओं को गाड़ी की जाँच करने दी, क्योंकि मुझे पता था कि गाड़ी में कुछ भी गलत नहीं है। बाकी सच्चाई जाँच में सामने आ ही जाएगी।
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