Saturday, April 12, 2025
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मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को महाकुंभ 2025 के पुण्य अवसर पर पावन दिव्य त्रिवेणी संगम पर सपरिवार स्नान किया

कोई भी जीव माता के ऋण से कभी उऋण नहीं हो सकता-सीएम धामी

देहरादून/प्रयागराज: महाकुंभ में त्रिवेणी संगम के पुण्य सलिल में माता जी को स्नान कराने का सौभाग्य मिला। यह मेरे जीवन के उन अमूल्य और भावुक क्षणों में से एक है, जिन्हें शब्दों में पिरोना संभव नहीं।

वेदों, शास्त्रों और पुराणों में उल्लेखित है कि कोई भी जीव माता के ऋण से कभी उऋण नहीं हो सकता क्योंकि माता ही वह प्रथम स्रोत हैं, जिनसे हमारा अस्तित्व जुड़ा हुआ है।

माता का स्नेह अनंत, उनकी ममता अपरिमेय और उनका आशीर्वाद अक्षुण्ण होता है।

इस दिव्य क्षण में अनुभव हुआ कि माँ केवल जन्मदात्री ही नहीं अपितु सजीव तीर्थ हैं जिनकी सेवा और सम्मान से जीवन के समस्त पुण्य फलीभूत होते हैं।

यह भावपूर्ण क्षण मेरे लिए सनातन संस्कृति, परंपरा और मातृभक्ति का सजीव स्वरूप बनकर हृदयपटल पर सदैव अंकित रहेगा। इस दौरान सीएम धामी की पत्नी गीता धामी ने संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित किया।

प्रयागराज महाकुंभ में सीएम धामी की सनातन संस्कृति के प्रति आस्था दिखी श्रवण रूप में

बेटा हो तो ऐसा: महाकुंभ में यह पल और भावुक कर देने वाला हो जाता है जब धामी जी अपनी माता जी को स्वयं संगम में स्नान कराते हैं और जलाभिषेक करते हैं

इस समय पूरे देश की निगाहें प्रयागराज महाकुंभ पर टिकी हुई हैं, जहां आस्था की गंगा प्रवाहित हो रही है। हर श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान कर स्वयं को आध्यात्मिक रूप से धन्य महसूस कर रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सपरिवार प्रयागराज पहुंचे और श्रद्धा के साथ संगम में आस्था की डुबकी लगाई।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री धामी पूरी तरह पारंपरिक सनातनी वेशभूषा में नजर आए, कंधे पर जनेऊ धारण किए हुए। यह नजारा देखते ही लोगों का ध्यान उनकी ओर आकर्षित हुआ और हर कोई उनकी धार्मिक आस्था को देखकर प्रभावित नजर आया।

मुख्यमंत्री धामी को अक्सर ‘धर्म रक्षक धामी’ के नाम से जाना जाता है, और आज की यह तस्वीर इस उपाधि को सार्थक करती है। राजनीति में अक्सर जनेऊ चुनावी रंग में लिपटा नजर आता है, लेकिन धामी के कंधे पर यह पवित्र धागा उनकी सनातन परंपरा और धर्म के प्रति गहरी आस्था को दर्शा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी की यह तस्वीर तब और भी भावुक कर देने वाली हो गयी जब वे अपनी माता जी को स्वयं संगम में स्नान कराते हैं और जलाभिषेक करते हैं। यह उनकी माता के प्रति असीम श्रद्धा और कृतज्ञता को दर्शाता है।

निस्संदेह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह धार्मिक रूप लोगों को खासा प्रभावित कर रहा है। महाकुंभ में उमड़ी भीड़ के बीच उनकी यह यात्रा एक प्रेरणादायक संदेश देती है कि धर्म और परंपराएं केवल दिखावे के लिए नहीं, बल्कि जीवन का अभिन्न हिस्सा होनी चाहिए।

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