समलैंगिक विवाह ने मचाया हड़कंप, सोनू बना सोनिया, प्रेम से रचाई शादी
Gay marriage: उत्तर प्रदेश मे कुशीनगर जिले के नौरंगिया थाना क्षेत्र के शीतलापुर गांव में एक अनोखा और चर्चित समलैंगिक विवाह का मामला सामने आया है।
यहां दो युवकों, सोनू और प्रेम, ने समाज की परंपराओं को चुनौती देते हुए मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी रचाई।
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इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार, सोनू और प्रेम पिछले डेढ़ साल से लिव-इन रिलेशनशिप में थे और दोनों ऑर्केस्ट्रा में एक साथ काम करते थे।
शादी के लिए सोनू ने अपना नाम बदलकर सोनिया रख लिया और दुल्हन के रूप में सजधज कर तैयार हुआ।
सोनिया ने साड़ी पहनी, चुनरी ओढ़ी, हाथों में चूड़ियां पहनीं, बिंदी और काजल लगाया, और मंदिर में घुटने के बल बैठकर प्रेम से अपनी मांग में सिंदूर भरवाया।
प्रेम ने इस विवाह के बारे में कहा, “लोग क्या कहेंगे, इसका डर मुझे नहीं है। मुझे सिर्फ सोनिया का साथ चाहिए। प्यार शरीर से नहीं, आत्मा से होता है।
हालांकि, इस जोड़े के इस साहसिक फैसले को गांव वालों ने स्वीकार नहीं किया।
परंपरा और सामाजिक मर्यादाओं का हवाला देते हुए ग्रामीणों ने इसका कड़ा विरोध किया।
विरोध बढ़ता देख दोनों युवक शादी के कुछ समय बाद ही गांव छोड़कर फरार हो गए।
स्थानीय पुलिस को इस मामले की जानकारी है, लेकिन अभी तक किसी पक्ष की ओर से कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है।
पुलिस ने बताया
पुलिस का कहना है कि यदि कानून-व्यवस्था से संबंधित कोई मुद्दा सामने आता है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।यह घटना कुशीनगर में समलैंगिक विवाह को लेकर समाज के दोहरे रवैये को उजागर करती है।
जहां एक ओर कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और प्रेम का प्रतीक मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर परंपरावादी इसे सामाजिक मान्यताओं के खिलाफ बता रहे हैं।
सोशल मीडिया पर इस शादी का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे इस विषय पर बहस और तेज हो गई है।
कुशीनगर में पहले भी समलैंगिक संबंधों से जुड़े मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इस तरह का खुला विवाह चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस घटना ने समाज में समलैंगिकता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है।
डिस्क्लेमर: यह खबर उपलब्ध जानकारी और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर तैयार की गई है।
समलैंगिक विवाह को भारत में कानूनी मान्यता नहीं है, लेकिन इसे प्रतिबंधित करने वाला कोई स्पष्ट कानून भी नहीं है।