वाराणसी: कभी विकास के गुजरात मॉडल पर सवार नरेंद्र मोदी 2014 में वाराणसी आये तो काशी के विकास मॉडल को पूरे देश में नजीर बना दिया। इसी मॉडल के जरिए 2024 लोकसभा चुनाव में ‘अबकी बार 400 पार’ का लक्ष्य प्राप्त करेंगे। यह सर्वविदित है कि काशी से निकला संदेश सिर्फ पूर्वांचल तक ही नहीं जाता बल्कि बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश होते हुए समूचे देश तक जाता है। इस बार का लोकसभा चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है कि काशी के सांसद नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप श्री काशी विश्वनाथ धाम का भव्य निर्माण हुआ और प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें 500 वर्ष बाद अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अवसर मिला। इन दोनों बड़े अवसरों के बाद लोकसभा चुनाव-2024 होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश से निकली आवाज के बलबूते भाजपा नित विकास कार्यों, लाभार्थियों और आस्था के सहारे 400 सीटों की रिकॉर्ड जीत के साथ हैट्रिक बनाने पर लगी है।
400 पार के लिए 80 आधार
नरेंद्र मोदी 2014 में काशी की पिच पर बैटिंग करने आए तो सबसे पहले विकास की बाउंड्री पर नजर टिका दी। 2017 में दूसरे छोर पर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में उन्होंने सबसे कुशल पार्टनर योगी आदित्यनाथ को तैनात किया। फिर दोनों छोर से जबर्दस्त बैटिंग शुरू हुई। एक ने विकास समेत देश की सुरक्षा का कमान संभाला तो दूसरे ने उत्तर प्रदेश में कानून से खेलने वालों के छक्के छुड़ा दिए। धीरे-धीरे विपक्षी कैच आउट होते चले गए, जिससे उनकी टीम के हौसले भी पस्त हो गए। कुछ ही खिलाड़ी मैदान में बचे। नरेंद्र मोदी की 2019 में दूसरी पारी शुरू हुई तो 2022 में उत्तर प्रदेश की जनता ने फिर योगी को सेलेक्ट किया। इसके बाद दोनों धुरंधरों ने फिर बल्लेबाजी की। नरेंद्र मोदी ने 400 पार का मन बनाया तो योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए 80 को आधार बना लिया।
‘बुलडोजर शॉट’ से यूपी में धराशायी उत्तर प्रदेश के माफिया
अब नरेंद्र मोदी तीसरी पारी खेलने के लिए तैयार हैं। इसमें सबसे मजबूत खिलाड़ी के रूप में उत्तर प्रदेश के कप्तान योगी आदित्यनाथ उनका बखूबी साथ निभा रहे हैं। आलराउंडर के रूप में इस खिलाड़ी की मांग भी पूरे देश में है। इनके बुलडोजर शॉट से राजनीति की पिच पर वर्षों से बैटिंग कर रहे बड़े-बड़े धुरंधर घबराने लगे हैं। अपराध, गरीब उत्पीड़न व अन्य गलत गतिविधियों के साथ राजनीतिक पिच पर खेलने वाले खिलाड़ियों को बाबा ने रिटायर्ड हर्ट कर दिया है। कुछ खेलने लायक नहीं बचे तो कुछ ने राजनीति से संन्यास ले लिया है।