वाराणसी। यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय (Ajay Rai) को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि याची के खिलाफ 27 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है। कोर्ट ने कहा की ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही को रद्द करने का कोई आधार नहीं है। याचिका में ट्रायल कोर्ट में चल रही प्रोसिडिंग को रद्द करने की मांग की गई थी।
जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने केस को मेरिट पर ना पाते हुए कि याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि गैंगस्टर एक्ट का केस शिकायतकर्ता की शिकायत पर नहीं राज्य सरकार की तरफ से कायम किया गया है। कोर्ट ने कहा कि यह एक स्वतंत्र अपराध है, जिसे समझौते से खत्म नहीं किया जा सकता।
अजय राय (Ajay Rai) का लंबा आपराधिक इतिहास
कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि शिकायतकर्ता से उनका समझौता हो गया है। इसलिए केस को रद्द कर दिया जाए। वहीं, इस याचिका का विरोध कर रहे अपर महाधिवक्ता का कहना है कि अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का भी मुकदमा दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि अजय राय (Ajay Rai) का लंबा आपराधिक इतिहास है। समझौते के आधार पर केस को रद्द नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया।
2011 में चार्जशीट हुई थी दाखिल
बता दें कि वाराणसी के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में केस का ट्रायल चल रहा है। मामले में पुलिस ने चार्जशीट 28 अक्टूबर 2011 को दाखिल कर दी थी। 2010 में अजय राय (Ajay Rai) और चार अन्य के खिलाफ वाराणसी के चेतगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।
मामले में आईपीसी की धारा 147, 148, 448, 511, 323,504, 506, 120 बी और सेक्शन 7 आफ क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट, व सेक्शन 3(1) यूपी गैंगस्टर एक्ट एंड एंटी सोशल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट में एफआईआर दर्ज हुई थी। बाद में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया।