लखनऊ: अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) व यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के सीईओ श्री मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में नोएडा प्राधिकरण में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवेज वर्ल्ड क्लास बनाने और इसकी गुणवत्ता को और बेहतर करने के लिए विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई। इस दौरान कंपनियों द्वारा प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। उन्होंने एक्सप्रेसवेज में नई-नई तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोग के विषय में विस्तृत जानकारी दी। इसके बाद आईआईडीसी/सीईओ यूपीडा ने निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस-वे अलाइनमेंट का भी निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
विभिन्न कंपनियों ने दिया प्रस्तुतिकरण
बैठक में क्रम में अम्मान कॉर्पोरेशन के प्रतिनिधियों ने अपने ऑर्गनाइजेशन के बारे में जानकारी दी। उनके द्वारा बताया गया कि एमएस अपोलो के सहयोग से निर्माण मशीनरी की आपूर्ति करते हुए भारत में उनकी पहले से ही अच्छी उपस्थिति है। इसी तरह,एमएस बीबो के प्रतिनिधि ने हाइवे निर्माण में आर्क संरचनाओं के उपयोग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने यह भी सूचित किया कि एमएस बीबो पहले से ही भारत में सक्रिय तौर पर काम कर रहा है। यूपीडा के सीईओ ने आगामी एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के डीपीआर चरण में ही आर्क संरचनाओं के उपयोग की इच्छा जाहिर की।
इसके अतिरिक्त ईटीएच-एआई सेंटर के प्रतिनिधि ने अपनी सेंसर आधारित तकनीक की संक्षिप्त प्रस्तुति दी, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) द्वारा समर्थित है और सड़क की राइडिंग क्वालिटी का मूल्यांकन करती है। सीईओ ने एक पायलट प्रोजेक्ट के लिए उनकी सेवाओं के लिए एक प्रस्ताव देने को कहा है ताकि यूपीडा द्वारा तकनीक का व्यावसायिक दृष्टिकोण में मूल्यांकन किया जा सके। वहीं, एमएस पिन्नी कॉर्पोरेशन ने बताया कि उनकी भारत में मजबूत उपस्थिति है। एमएस पिन्नी कॉर्पोरेशन हाइवे सहित विभिन्न क्षेत्रों में परामर्श प्रदान करता है। सीईओ ने एमएस पिन्नी के साथ अधिक चर्चा की आवश्यकता जाहिर की ताकि यूपीडा के एक्सप्रेसवे पर वर्ल्ड क्लास राइडिंग क्वालिटी सुनिश्चित हो सके।
निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे का भी किया निरीक्षण
बैठक के बाद सीईओ ने निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस-वे अलाइनमेंट का रुख किया। उन्होंने यहां 7.9 किमी. पर, इंटरचेंज के छोरों का निरीक्षण किया और इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए गए। 13.4 किमी. पर उन्होंने टोल प्लाजा के लिए पीक्यूसी कार्य के साथ-साथ टोल बिल्डिंग के कार्य को संतोषजनक पाया। 14.4 किमी. पर, आईएचएस, घास (वीटिवर) द्वारा ढलान संरक्षण के कार्य की प्रगति को देखा। साथ ही, उन्होंने 19 किमी. पर, फ्लाईओवर की प्रगति की जांच की। एलएंडटी कर्मियों ने संरचना के तकनीकी पहलुओं के बारे में उन्हें जानकारी दी। यहां स्थित कैंप-1 में एचएमपी प्लांट की भी जांच की गई।
एल एंड टी क्वालिटी हेड ने उत्पादन पद्धति के विषय में विस्तार से जानकारी दी। एचएमपी द्वारा उत्पादित बीसी सामग्री के तापमान को भी जांचा गया जो निर्धारित सीमा के अंदर पाया गया। सीईओ ने एचएमपी के कामकाज पर संतोष व्यक्त किया। सीपीएम, जीआर 1, अनूप कुमार सिंह द्वारा जीआर 1 में हुई सकारात्मक प्रगति के विषय में प्रस्तुति दी गई। हालांकि, मिट्टी संबंधी कार्य की दर में और सुधार किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। 64.3 किमी पर, बीसी बिछाने के काम का निरीक्षण किया गया। सीईओ ने पूर्ण बीसी स्ट्रेच की खुरदरापन की जांच के लिए एक एसओपी जारी करने का निर्देश दिया। इसके अलावा 66.8 किमी.पर उन्होंने गंगा पुल का भी निरीक्षण किया। एलएंडटी कर्मियों ने सीईओ को पुल के तकनीकी मापदंडों के बारे में विस्तार से बताया।