लखनऊ: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) 2024 के पहले चरण में यूपी की आठ लोकसभा सीटों पर बुधवार की शाम प्रचार का शोर थम गया। पश्चिमी यूपी की इन सीटों से बहने वाली हवा ही पूरे चुनाव रुख तय करेंगी। इन सीटों पर शुक्रवार 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। सभी आठ सीटें पश्चिमी यूपी में आती हैं। इस बार यहां का समीकरण बदला हुआ है। पिछले दो चुनाव से सपा के साथ मिलकर लड़ रही रालोद इस बार भाजपा के साथ है। बसपा अकेल ही मैदान में उतरी हुई है। इस इलाके का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि खुद अमित शाह यहां पर रह कर रणनीति बनाने आए थे। कांग्रेस ने भी अंतिम दिन बुधवार को प्रियंका गांधी को मैदान में उतार दिया।
यूपी में पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना (सु.), मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत लोकसभा क्षेत्रों में वोटिंग होनी है। इंडिया की तरफ से आठ में से सात सीटों पर सपा और एक सीट पर कांग्रेस का प्रत्याशी उतरा है। इसी तरह एनडीए की तरफ से सात सीटों पर भाजपा और एक सीट पर रालोद का प्रत्याशी है।
बसपा ने सभी आठ सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। पहले चरण की इन सभी लोकसभा सीटों के लिए 80 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसमें 73 पुरुष और 7 महिला उम्मीदवार हैं। पश्चिम यूपी की सियासत में कई ऐसे परिवार हैं, जिनकी कई पीढ़ियां राजनीति में रहीं। इन परिवारों पर इस बार राजनीतिक विरासत बचाना बड़ी चुनौती है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि अब मतदान की समाप्ति तक किसी भी प्रकार की चुनाव प्रचार संबंधी गतिविधियॉ संचालित नहीं होगी। सभी राजनैतिक दलों के बाहरी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की निर्वाचन क्षेत्र में मौजूदगी प्रतिबंधित रहेगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण की आठ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है। इसके लिए मतदान समाप्त होने से 48 घंटे पहले यानी 17 अप्रैल शाम छह बजे तक ही प्रचार का समय निर्धारित किया गया था।
चुनाव प्रचार अभियान की समाप्ति के बाद निर्वाचन क्षेत्र के सभी जिला निर्वाचन अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे सभी बाहरी राजनैतिक पदाधिकारी व कार्यकर्ता इस दौरान निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दें और इसके लिए मतदान से पहले चुनाव प्रचार पर रोक संबंधी आयोग का निर्देश सभी राजनैतिक दलों, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और उनके एजेंटों के ध्यान में लाएं।