Celebration: श्री राम जानकी मंदिर मठ पर श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया मकर संक्रांति उत्सव
Celebration: ( कम्प्यूटर जगत ) नगर पालिका कसया कुशीनगर स्थित श्री राम जानकी मंदिर मठ पर मंगलवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मकर संक्रांति उत्सव मनाया गया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रूप में खिचड़ी ग्रहण किया।
महंत त्रिभुवन शरण दास ने कहा कि मकर संक्रांति सूर्य आराधना का उत्सव है। इस दिन भगवान सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसीलिए इस उत्सव का नाम मकर संक्रांति है ।
इस दिन से सूर्य उत्तरायण होने लगता है। यह प्रकृति का उत्सव है। दिन बड़ा होने लगता है और रात्रि क्रमशः छोटी होती जाती है जिससे शरीर में नव चेतना आती है।
आलस्य दूर होने लगता है। इस उत्सव का वर्णन महाभारत में भी है। भीष्म पितामह ने अपना शरीर त्याग उत्तरायण में ही किया था।
रामायण में भी इसका वर्णन है “मास मकर गत रवि जब हुई तीरथपतिहि आव सब कोई!”पूर्व प्रवक्ता बुद्ध इंटर कॉलेज इंद्रासन प्रसाद संत ने कहा कि यह उत्सव सामाजिक समरसता का प्रतीक है।
दिन बड़ा होने से गर्मी बढ़ने के कारण लोगों में समानता का भाव दिखने लगता है। भूगोलविद सुरेश प्रसाद गुप्ता ने कहा कि इस दिन दान पुण्य करना अच्छा माना जाता है।
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से संपूर्ण पाप की मुक्ति होती है। इस मौके पर व्यवस्थापक देवनारायण शरण , विधायक पी एन पाठक, भाजपा नेता आदि नगर के सम्मानित लोग उपस्थित रहे।