Wednesday, March 12, 2025
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Festival: भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव का एक दिवसीय हुआ आयोजन 

Festival: भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव का एक दिवसीय हुआ आयोजन

Festival: जनपद बुद्ध पीजी कॉलेज में बृहस्पतिवार को भारत – नेपाल मैत्री महोत्सव का एक दिवसीय आयोजन हुआ।

इसमें भारत व नेपाल की संस्कृति व सभ्यता की साझी आकर्षक झलक दिखाई। दोनों देशों की लोक कला व नृत्यों की प्रस्तुतियां हुईं।

इसके अलावा भारत व नेपाल के संस्कृति व लोक कलाओं से संबंधित चित्र प्रदर्शनी लगाई गई थी।

शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक पीएन पाठक व नेपाल का प्रतिनिधित्व कर रहे आगंतुकों ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। विद्यार्थियों ने स्वागत गीत व गणेश वंदना की प्रस्तुतियां दीं।

विधायक पीएन पाठक ने कहा कि भारत और नेपाल का रिश्ता पौराणिक है। त्रेतायुग में भगवान राम व जनकपुर की मां सीता का विवाह प्रगाढ़ मैत्री की प्राचीनता को सिद्ध करता है।

नेपाल के साथ रोटी बेटी का संबंध चला आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर बीते साल से भारत -नेपाल मैत्री महोत्सव का कार्यक्रम चल रहा है।

यह सराहनीय है। देश की करीब 750 किलोमीटर लंबी सीमा नेपाल से जुड़ी है।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट कुशीनगर से काठमांडू तक को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने की भी बात प्रमुखता से कहीं।

मैत्री महोत्सव का प्रतिनिधित्व कर रहे नेपाल लुंबिनी पर्यटन बोर्ड के निदेशक डा. रामू जोशी ने कहा कि भारत -नेपाल का अपना पुराना संबंध है।

दोनों देशों की कला, संस्कृति, त्योहार,धर्म में काफी समानता है। नेपाल के मुक्तिनाथ व पशुपति नाथ, लुंबिनी बुद्ध जन्म स्थली समेत अन्य धार्मिक स्थलों का भारत के लोग यात्रा कर दर्शन व पूजा अर्चना करते हैं।

वहीं, नेपाल के लोग भारत में धम्म यात्रा को बुद्ध से जुड़े स्थलों व धार्मिक स्थलों का भ्रमण करते हैं। युवा पीढ़ी के लिए ये संबंध महत्वपूर्ण हैं।

राम सीता का विवाह, बुद्ध सर्किट, पवित्र नदियां, अयोध्या, सीता कुंड व कपिलवस्तु व नेपाल में 125 वर्षों से हवन चल रहा है, शालीग्राम महोत्सव आदि दोनों देशों को जोड़ता है।

मैत्री महोत्सव यूपी पर्यटन व नेपाल का बहुत ही अच्छा कार्यक्रम है।

इसके पूर्व आगंतुकों को संस्कृति विभाग के डा. राकेश सिंह के नेतृत्व में नेपाल का प्रतिनिधित्व कर रहे नेपाल स्वयं सेवक संघ के खेमराज पौडेल के साथ अन्य को भगवान राम की प्रतिमा भेंट कर व अंग वस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर विनोद मोहन मिश्र व संचालन सुनील शुक्ल ने किया।

अंत में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ के निदेशक डॉ राकेश सिंह ने सभी आगंतुकों व प्रतिनिधियों के प्रति आभार ज्ञापित किया।

इस मौके पर एसडीएम पारितोष मिश्र, तेज प्रताप शुक्ल, प्रबंध समिति सचिव वीरेंद्र सिंह अहलूवालिया, मंडल अध्यक्ष आद्या पांडेय, भंते नंद रतन, चेयरमैन प्रतिनिधि राकेश जायसवाल, अनिल प्रताप राव, प्रोफेसर अमृतांशु शुक्ल,

प्रोफेसर राम भूषण मिश्र, प्रोफेसर विभ्राट चंद कौशिक, कृष्ण कुमार, राकेश सोनकर, प्रोफेसर सीमा त्रिपाठी, डा. निगम मौर्य, सभासद गिरिजेश सिंह, तरुण शुक्ल,संतोष पाठक समेत गण्यमान्य लोग मौजूद थे।

मैत्री महोत्सव में हुईं आकर्षक प्रस्तुतियां:-

बुद्ध पीजी कॉलेज में भारत -नेपाल मैत्री महोत्सव में दोनों देशों के कलाकारों ने विविध कार्यक्रमों की आकर्षक प्रस्तुतियां दीं।

इसमें रुबीना और अनुपमा ने ढोल बाजे…ढोल बाजे पर नृत्य प्रस्तुत किया।

नेपाल के आए कलाकारों ने नेवारी नृत्य और पंच बुद्धा नृत्य प्रस्तुत कर मनमोहा। सोनिका सिंह ने श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन,हरण भय भव दारुणम पर नृत्य की।

गोरखपुर के राकेश उपाध्याय ने भोजपुरी गीत पहिले पहिले जहां उगेली किरनियां, वही देश है

हिंदुस्तान रे… , हमार मनवा चरण में लपटाइल बा… गंगा मईया के महिमा सुनाइल बा सुनाकर वाहवाही बटोरी।

लखनऊ की जूही कुमारी की टीम ने मोरनी नृत्य व वाराणसी की अंजली ने भी नृत्य व प्रस्तुतियां देकर शमां बांधा।

इसके अलावा सम्यक बुद्ध नृत्य नाटिका में महात्मा बुद्ध के जीवन पर आधारित अंगुलीमार डाकू, गृह त्याग, शिष्य आनंद व ब्राह्मण सुभद्र प्रसंग का सजीव मंचन भी हुआ। इसके अलावा तमाम सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं।

 

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