Kaushal Vikaas: अब परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन के साथ बच्चों के कौशल विकास पर भी किया जाएगा फोकस
Kaushal Vikaas: ( कम्प्यूटर जगत ) नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आपअनुरूप प्रदेश में बेसिक शिक्षा में बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत अब परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन के साथ बच्चों के कौशल विकास पर भी फोकस किया जाएगा।
पहले चरण में प्रदेश भर के प्रत्येक विकास खंड से 2-2 विद्यालयों का चयन हुआ है जिनमें लर्निंग बाई डूइंग ( करके सीखना) का कार्यक्रम शुरू हो गया है।
मोतीचक विकास खंड से संविलयन विद्यालय फर्दमुंडेरा और बेलवा सुदामा का चयन हुआ हुआ है।
लर्निंग बाई डूइंग के प्रशिक्षण के लिए संविलयन विद्यालय फर्दमुंडेरा से रामवीर सिंह सहायक अध्यापक एवं बेलवा सुदामा से पुष्पेंद्र कुमार सहायक अध्यापक उद्यमिता विकास संस्थान लखनऊ गए हुए हैं।
प्रशिक्षण से लौटकर दोनों अध्यापक लर्निंग बाई डूइंग को धरातल पर उतारकर अपने अपने विद्यालयों में इंजीनियरिंग की नींव तैयार करेंगे।
इसके तहत इंजीनियरिंग एंड वर्कशॉप, एनर्जी एंड एनवायरमेंट, एग्रीकल्चर, नर्सरी एंड गार्डनिंग और होम एंड हेल्थ केयर की 60 गतिविधियों को विज्ञान एवं गणित के पाठ्यक्रम में मैप किया गया है।
इसके तहत कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को गणित व विज्ञान में दक्ष बनाया जाएगा। इससे विद्यार्थियों का कौशल विकास किया जाएगा।
इससे समस्त क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है कि अब उनके नौनिहाल गांव में ही इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करेंगे।
दोनों विद्यालयों का समस्त स्टाफ एक टीम भावना से कार्य करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग की कई योजनाओं से अपने विद्यालय को आच्छादित करा लिए हैं।
यूपीएस फर्दमुंडेरा ने अब तक राष्ट्रीय आय आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा में भी 10 छात्र/छात्राओं का चयन कराया है। तथा बेलवा सुदामा ने 1 छात्र का चयन कराया है
जिन्हें प्रत्येक वर्ष 12 हजार छात्रवृत्ति मिल रही है। दोनों विद्यालयों के समस्त स्टाफ ने खुशी जाहिर की है
और दोनों विद्यालयों के प्रभारी प्रधानाध्यापक भगवती प्रसाद और प्रवीण मल्ल ने इसे ग्रामीण आंचल के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि बताया।
खंड शिक्षा अधिकारी मोती चक राजेश कुमार समस्त एआरपी एवं समस्त शैक्षिक संगठनों के पदाधिकारियों ने दोनों विद्यालयों के समस्त स्टाफ को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दीं।