लखनऊ के KGMU में अब मिलेगी मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट, पीजीआई और लोहिया संस्थान में अभी तक थी सुविधा

लखनऊ: लखनऊ के KGMU (King George’s Medical University) में भी अब किडनी ट्रांसप्लांट(Kidney Transplant) शुरू किया जाएगा। इससे गंभीर मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। बुधवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने संस्थान को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लाइसेंस जारी कर दिया है। केजीएमयू(KGMU) प्रशासन का कहना है कि पहले चरण में गंभीर रोगियों का ट्रांसप्लांट किया जाएगा। KJMU संस्थान में अप्रैल माह से प्रत्यारोपण शुरू होने की उम्मीद है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, लखनऊ शहर में अभी तक पीजीआई व लोहिया संस्थान में ही किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है। इन संस्थानों पर मरीजों का भार अधिक होने के कारण वेटिंग लंबी हो जाती है। करीब चार से छह माह बाद मरीजों का नंबर आता है। जिसके कारण मजबूरन गंभीर मरीजों को निजी सेंटर जाना पड़ता है।
लोगों की इस परेशानी को देखते हुए केजीएमयू(KGMU) प्रशासन ने किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) शुरू करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को इसके लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मानक परखने के बाद KJMU को लाइसेंस जारी कर दिया। सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार(S.N Shankhvar) ने बताया कि लाइसेंस मिल गया है, अब जल्द ही केजीएमयू संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलने लगेगी।
सूत्रों के मुताबिक, केजीएमयू(KGMU) में अप्रैल से किडनी प्रत्यारोपण शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विश्वजीत, डॉ. लक्ष्य कुमार और डॉ. मेधावी गौतम की टीम किडनी प्रत्यारोपण(Kidney Transplant) करेगी। इस कार्य में लखनऊ के पीजीआई व लोहिया के विशेषज्ञों की भी मदद ली जा सकती है। डॉ. एसएन शंखवार के मुताबिक, शताब्दी फेज-एक में नेफ्रोलॉजी विभाग है। जहाँ ट्रांसप्लांट यूनिट की आईसीयू(ICU) में आठ बेड हैं।
बता दें, केजीएमयू संस्थान ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पहले चरण में आठ मरीजों का चयन किया है। इसमें मरीज-डोनर की जाँच कराने संग प्रत्यारोपण की सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विश्वजीत के अनुसार विभाग की ओपीडी में 100 से अधिक गुर्दा रोगी आ रहे हैं। साथ ही 17 मशीनों का विभाग से संचालन हो रहा है। रोजाना तीन शिफ्ट में करीब 55 से 60 मरीजों की डायलिसिस हो रही है। किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा केजीएमयू में शुरू हो जाने से मरीजों को राहत मिलेगी।
यह भी पढ़ें