देहरादून: एनवायर्नमेंटल एक्शन एंड एडवोकेसी समूह, एसडीसी फाउंडेशन ने अपनी अभी तक की 19वीं मासिक और अप्रैल 2024 की आपदा, एक्सट्रीम वेदर इवेंट एवं दुर्घटना आधारित, उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट एनालिसिस इनिशिएटिव (उदय) रिपोर्ट जारी कर दी है। इस बार रिपोर्ट में मुख्य रूप से उत्तराखंड में जंगलों में लगी भयावह आग को जगह मिली है। इसके अलावा रिपोर्ट में हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियल झीलों के फैलाव के बारे में इसरो के अध्ययन और नैनीताल जिले के बेतालघाट क्षेत्र में वाहन दुर्घटना में 8 लोगों की मौत को भी रिपोर्ट में जगह दी गई है। मासिक उदय रिपोर्ट प्रतिष्ठित अंग्रेजी और हिंदी समाचार पत्रों के साथ-साथ समाचार पोर्टलों में प्रकाशनों में मीडिया रिपोर्टों पर आधारित हैं।
जंगलों में आग
अप्रैल की उदय रिपोर्ट में मुख्य रूप से जंगलों की आग की घटनाएं दर्ज की गई हैं। मीडिया में जंगलों की आग के संबंध में छपी विभिन्न रिपोर्ट के आधार पर कहा गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जंगलों में आग लगने की घटनाओं में 3 गुना बढ़ोत्तरी हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार नासा के अध्ययन से मालूम पड़ा है 2023 में जहाँ मार्च और अप्रैल के महीने में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की 1850 घटनाएं हुई थी, वहीँ इस वर्ष मार्च और अप्रैल में 6295 घटनाएं हुई हैं। रिपोर्ट कहती है कि यह एक बड़ी चेतावनी है।
रिपोर्ट में पिछले वर्ष और इस वर्ष मार्च और अप्रैल में महीने में जंगलों में लगी आग की घटनाओं का जिलेवार ब्योरा भी दिया गया है। इस ब्योरे के अनुसार अल्मोड़ा जिले में पिछले वर्ष इन दो महीनों में फोरेस्ट फायर की 299 घटनाएं हुई थी, इस बार 909 हुई।
इसी तरह बागेश्वर में पिछले वर्ष 75 तो इस वर्ष 224, चमोली में पिछले वर्ष 99 और इस वर्ष 293, चम्पावत में 2023 में 120 और 2024 में 1025, देहरादून पिछले वर्ष 48 तो इस वर्ष 62, पौड़ी में पिछले वर्ष 378 और इस वर्ष 742, हरिद्वार में पिछले वर्ष 42 और इस वर्ष 25, नैनीताल में पिछले वर्ष 207 और इस वर्ष 1524, पिथौरागढ़ में पिछले वर्ष 213 और इस वर्ष 615, रुद्रप्रयाग में पिछले वर्ष 31 और इस वर्ष 117, टिहरी में पिछले वर्ष 115 और इस वर्ष 380, ऊधमसिंह नगर में पिछले वर्ष 183 तो इस वर्ष 290 और उत्तरकाशी में पिछले वर्ष 40 तो इस वर्ष 89 घटनाएं हुई।
फैल रही हैं ग्लेशियल लेक
उदय की अप्रैल महीने की रिपोर्ट में इसरो के उस खुलासे को भी जगह दी गई, जिसमें हिमालय की सैकड़ों ग्लेशियल झीलों के फैलाव की बात कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार हिमालय में ग्लेशियल लेक में विस्फोट और इससे ग्लैसिअल लेक फ्लड आउटबर्स्ट आने जैसी घटनाएं आम हो गई हैं।
हिमालय को कवर करने वाली दीर्घकालिक उपग्रह इमेजरी से पता चला है कि 2016/2017 में पहचाने गए क्षेत्र में 10 हेक्टेयर से बड़ी 2,431 हिमनद झीलों में से 676 हिमनद झीलों का 1984 के बाद से उल्लेखनीय रूप से विस्तार हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा की इन 676 झीलों में से 130 भारत के भीतर हैं, जिनमें से 65, सात , और 58 झीलें क्रमशः सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में स्थित हैं,
रिपोर्ट कहती है इस तरह की झीलों के फटने का खतरा बना रहता है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ के कारण तबाही आ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में किए गए शोध से पता चला है कि दुनिया भर में ग्लेशियर लगातार पीछे हट रहे हैं और पतले हो रहे हैं।
सड़क दुर्घटना में 8 की मौत
नैनीताल जिले के बेतालघाट क्षेत्र में सात नेपाली श्रमिकों समेत आठ लोगों की मौत हो जाने की घटना को उदय की रिपोर्ट में दर्ज किया गया है। यह घटना 8 अप्रैल की रात हुई थी जिसमें सवारी वाहन 150 मीटर गहरी खाई में गिर गया था। इस घटना में दो अन्य लोग घायल हो गये थे। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेतालघाट ले जाया गया। वहां से हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
बेतालघाट पुलिस स्टेशन के प्रभारी अनीश अहमद ने कहा, सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास के ग्रामीणों की मदद से बचाव अभियान चलाया। अंधेरा होने की वजह से मृतकों के शव और घायलों को निकालने में दो घंटे लगे।
उदय रिपोर्ट, उत्तराखंड और आपदा प्रबंधन
हमारा मानना है की उत्तराखंड को अपने आपदा प्रबंधन तंत्र और क्लाइमेट एक्शन की कमज़ोर कड़ियों को मजबूत करने की सख्त ज़रूरत है। हम उम्मीद जताते हैं कि उत्तराखंड उदय मासिक रिपोर्ट उत्तराखंड के राजनीतिज्ञों, नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों के लिए सहायक होगी। साथ ही आपदाओं से होने वाले नुकसान के न्यूनीकरण के लिए नीतियां बनाते समय भी संभवत इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।