विजिलेंस ने सहायक आयुक्त को 75 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया
करप्ट अधिकारी व कर्मी को कोई राहत नहीं -धामी
बीते दिनों विजिलेंस ने कई घूसखोर अधिकारी- कर्मचारियों को किया गिरफ्तार
देहरादून: भ्रष्टाचार के खिलाफ धामी सरकार में एक्शन जारी है। विजिलेंस ने राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त को 75 हजार की घूस लेते गिरफ़्तार किया है। मिली जानकारी के मुताबिक विजिलेंस ने जी.एस.टी. कार्यालय लक्ष्मी रोड, डालनवाला के असिस्टेंट कमिश्नर, शशिकान्त दुबे को रेस्टोरेन्ट के बिलों में जी.एस.टी. के नियमों के क्रम में कमियॉ बताकर भारी जुर्माने का दबाव बनाकर रिश्वत की मांग की गयी थी।
नतीजतन, विजिलेंस की टीम ने मंगलवार को सहायक कर आयुक्त दुबे को शिकायतकर्ता से 75 हजार रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथो गिरफ्तार किया गया। जी.एस.टी. कार्यालय लक्ष्मी रोड, डालनवाला के असिस्टेंट कमिश्नर, शशिकान्त दूबे को गिरफ्तार करने के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित अधिनियम-2018) के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।
विजिलेंस की टीम अभियुक्त के देहरादून आवास की तलाशी व अन्य स्थानों पर चल- अचल सम्पत्ति के सम्बन्ध में पूछताछ कर रही है। वरिष्ठ पुलिक अधीक्षक, सतर्कता अधिष्ठान, धीरेन्द्र सिंह गुंज्याल ने ट्रैप टीम को नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत करने की घोषणा की गयी है। धामी सरकार ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक के बाद एक कार्रवाई करते हुए बीते कुछ दिनों में राज्य कर समेत लघु सिंचाई विभाग, वन विभाग, विद्युत विभाग एवं खाद्य आपूर्ति विभाग के घूसखोर अधिकारी- कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया है।
सीएम पुष्कर धामी ने साफ किया है कि विभागों में कमीशन मांगने वालों, जनहित के कार्यों में रिश्वत मांगने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा अपितु सीधी कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारी छोटा हो या कोई बड़ा अफसर, किसी को भी भ्रष्टाचार की छूट नहीं दी जाएगी। सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को पूरी ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से काम करना होगा।
भ्रष्टाचार की रोकथाम को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देशों पर टोल फ्री 1064 नंबर भी जारी किया गया है। इस मुहिम के तहत यदि किसी भी सरकारी विभाग में कोई कर्मचारी, अधिकारी आम जनता से किसी भी तरह की रिश्वत मांगता है तो 1064 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर शिकायत की जा सकती है। शिकायत करने वाले का नाम एवं नंबर गुप्त रखा जाएगा। भ्रष्टाचार की शिकायत पर बेहद सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जांच एजेंसियों को खुली छूट दी गई है।