Friday, October 25, 2024
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उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के बदलेंगे हालात, वेंचर फंड के तहत प्रोत्साहित किये जाएंगे स्टार्टअप

देहरादून: गुरुवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान सीएस ने उत्तराखण्ड वेंचर फंड के तहत चयनित किए जाने वाले ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को वरीयता देने के निर्देश दिए हैं. जिनके जरिए उत्तराखंड की आर्थिकी मजबूत होने के साथ ही रोजगार सृजन, तकनीकी साझेदारी और पूंजीगत निवेश को प्रोत्साहन मिले.

सीएस ने कहा उत्तराखंड स्टार्टअप पॉलिसी 2023 की थीम पर चलने वाले अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को ही निवेश के लिए चयनित किया जाए. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड को प्राथमिकता दी जाए जो राज्य के मुख्य फोकस सेक्टर और उभरती हुई तकनीक में निवेश करना चाहते हैं. साथ ही करीब 200 करोड़ के उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं. जिसके तहत पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि, मत्स्य पालन, हॉर्टीकल्चर, डेरी से सम्बन्धित स्टार्टअप को लगाने में सहायता की जाये.

सीएस ने सोशल वेंचर के तहत अधिक से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों, महिलाओं को स्थानीय उत्पादों विशेषरूप से स्थानीय मिलेट्स के उत्पादन एवं प्रोसेसिंग के जरिए स्टार्टअप लगाने में सहायता के निर्देश दिए हैं. पिरूल के इस्तेमाल पर आधारित स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित करने के साथ ही ग्राम्य विकास विभाग को भी इस कार्य से जोड़ने के लिए कहा है. उत्तराखण्ड वेंचर फंड के तहत सार्वजनिक निधि का लाभ उठाते हुए राज्य के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित किया जाये. स्टार्टअप को विकास निधि या वेंचर ऋण प्रदान करने के साथ ही प्रदेश के युवाओं को अपने स्टार्टअप को पंजीकृत कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाये.

दरअसल, करीब 200 करोड़ रूपये के उत्तराखंड वेंचर फंड में आईआईटी रुड़की और आईआईएम काशीपुर मुख्य ईकोसिस्टम पार्टनर हैं. उत्तराखण्ड वेंचर फंड के तहत उत्तराखंड के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने, उत्तराखण्ड के युवाओं को अपने स्टार्टअप पंजीकृत करवाने के लिए प्रोत्साहित करने और उत्तराखण्ड में सकारात्मक आर्थिकी एवं सामाजिक प्रभाव सृजित करना उद्देश्य है. उत्तराखंड स्टार्टअप नीति 2023 के तहत राज्य को अगले 5 वर्षो में सभी ईकोसिस्टम प्लेयर्स के लिए स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.

राज्य में अभी तक कुल 1092 स्टार्टअप, 13 राज्य मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर्स और 200 से अधिक रजिस्टर्ड मेन्टर्स हैं. देहरादून जिले में सर्वाधिक 549 स्टार्टअप और 7 इन्क्यूबेटर्स, हरिद्वार में 200 स्टार्टअप, उधमसिंह नगर में 112 स्टार्टअप हैं. प्रदेश में साल 2022 में एसआरएफ 21 रैंकिंग में एस्पायरिंग स्टेट से लीडिंग स्टेट की श्रेणी में आ गया था. साथ ही राज्य साल 2023 में 200 करोड़ के वेंचर फण्ड स्थापित करने और यू हब इनोवेशन सेन्टर घोषित होने के बाद अपने लीडर रैंक की श्रेणी को बनाए रखने में सफल रहा.

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