Friday, November 22, 2024
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बॉबी-मीनाक्षी विवाद- आईएएस व सचिवालय संघ के विरोध से तनातनी बढ़ी

एमडी अनिल यादव के सेवा विस्तार के आदेश पर पर्देदारी से उपजे कई सवाल

कांग्रेस की चुप्पी लेकिन सोशल मीडिया में उखाड़े जा रहे गड़े मुर्दे

देहरादून: बेरोजगारों के नेता बॉबी पंवार व आईएएस मीनाक्षी सुंदरम विवाद गहराने लगा है।यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव के सेवा विस्तार के आदेश से उपजी चिंगारी ने कई संगठनों व सोशल मीडिया को अपनी चपेट में ले लिया है।

बॉबी-मीनाक्षी विवाद के बाद सोशल मीडिया में गड़े मुर्दे भी उखाड़े जा रहे है। कुछ चर्चित अधिकारी व  कर्मियों को लेकर सोशल मीडिया में गम्भीर टिप्पणियों के क्रम जारी है। यह सिलसिला अभी और तेजी पकड़ेगा।

मुकदमा दर्ज होने के बाद बॉबी पंवार ने कड़े तेवर दिखाते हुए कार्रवाई की चुनौती दी है। साथ ही भ्र्ष्ट अधिकारियों के खिलाफ दोगुने जोश के साथ संघर्ष का ऐलान किया है। बॉबी की इस मुहिम को लोगों और संगठनों का समर्थन मिलता भी दिख रहा है।

इस पूरे मामले में कांग्रेस के बड़े नेताओं की सीधी कोई टिप्पणी सामने नहीं आयी है। उम्मीद है कि शुक्रवार को कांग्रेस इस गर्म मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करे। पार्टी विधायक ममता राकेश का ऊर्जा सचिव सुंदरम के पक्ष में लिखे गए पत्र पर भी प्रदेश कांग्रेस कोई फैसला लेगी। कांग्रेस का स्टैंड साफ नहीं होने से भी पार्टी कार्यकर्ता असमंजस में दिख रहे हैं। पार्टी इस मुद्दे को अभी तक कैश  न कर राजनीतिक नुकसान झेलने को विवश है।

उधर, गुरुवार को आईएएस एसोसिएशन व सचिवालय संघ ने सीएम से लेकर मुख्य सचिव तक अपना विरोध दर्ज करा दिया। यूपीसीएल में भी बॉबी पंवार के विरोध में धरना प्रदर्शन हुए। सचिवालय में कार्य बहिष्कार की भी खूब गूंज रही।

बहरहाल, बॉबी से पूछताछ और सम्भावित गिरफ्तारी को लेकर सरगर्मी जोरों पर है। बॉबी की गिरफ्तारी के बाद जारी तनातनी और जोर पकड़ेगी।

इधर, यूपीसीएल एमडी अनिल यादव के सेवा विस्तार का आदेश सरकारी स्तर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है। जानकारों का कहना है कि अगर सेवा विस्तार का आदेश छुपाने के बजाय  मुहैया करा दिया जाता तो केदारनाथ उपचुनाव के समय यह नया राजनीतिक-सामाजिक टंटा नहीं खड़ा होता। इस मसले पर बॉबी पँवार की टीम जनभावनाओं को भुनाने की पूरी कोशिश में जुटी है।

आईएएस एसोसिएशन ने मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया

गौरतलब है कि पूर्व में अधिकारियों के सेवा विस्तार के आदेश मीडिया को जारी किए जाते रहे हैं। लेकिन अनिल यादव के विस्तार के आदेश पर पर्देदारी से प्रदेश में एक नयी बहस ने भी जन्म ले लिया है।

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